*माँ_का_अदब*
पूरा पढ़ेंगे तो शेयर किये बिना नहीं रहेंगे आप !
हज़रत ईमाम हुसैन रजी अल्लाहू अन्हू ने अपनी वालिदा ख़ातूने जन्नत सय्यदा फ़ातिमा ज़ेहरा रजी अल्लाहू अन्हा के साथ खाना खाना छोड़ दिया...।
सय्यदा फ़ातिमा ज़ेहरा रजी अल्लाहू अन्हा ने इस बात को महसूस किया...।
एक रोज़ फ़रमाया: हुसैन! "मेरा दिल कहता है कि तुम मेरे साथ खाना खाओ, पर तुम खाते नहीं हो...इसकी क्या वजह है...??
हज़रत इमाम हुसैन रजी अल्लाहु अन्हू ने अर्ज़ किया: माँ!
और कोई वजह नहीं...बस डर लगता है कि कहीं आप से पहले लुक़मा न उठा लूँ और बे-अदबों में ना शामिल हो जाऊँ...।
*कुर्बान जाऊ मौला हुसैन पर*
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हज़रत ईमाम हुसैन रजी अल्लाहू अन्हू ने अपनी वालिदा ख़ातूने जन्नत सय्यदा फ़ातिमा ज़ेहरा रजी अल्लाहू अन्हा के साथ खाना खाना छोड़ दिया...।
सय्यदा फ़ातिमा ज़ेहरा रजी अल्लाहू अन्हा ने इस बात को महसूस किया...।
एक रोज़ फ़रमाया: हुसैन! "मेरा दिल कहता है कि तुम मेरे साथ खाना खाओ, पर तुम खाते नहीं हो...इसकी क्या वजह है...??
हज़रत इमाम हुसैन रजी अल्लाहु अन्हू ने अर्ज़ किया: माँ!
और कोई वजह नहीं...बस डर लगता है कि कहीं आप से पहले लुक़मा न उठा लूँ और बे-अदबों में ना शामिल हो जाऊँ...।
*कुर्बान जाऊ मौला हुसैन पर*
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