आजादी जिस सॆ मिली वो शख्स मुस्लमान था
दिया जिसने हिन्द को "ताज महल" वो शख्स मुस्लमान था
आज कहते हो गद्दार है मुस्लमान,
शुरू कि जिसने आजादी की लड़ाई वो शख्स "टीपू सुल्तान"एक मुस्लमान था
जहाँ लहराता है आपना तिरंगा बड़े शान सॆ किया जिसने तामीर "लाल किला " वो शख्स मुस्लमान था
सारे जहा सॆ अच्चछा हिन्दुस्तान हमरा...लिखा जिसने तराना वो शख्स मुस्लमान था
जब मिली हिन्द को आजादी वो महीना रमजान था 15 अगस्त 1947 (27 वा रमजान रात शब्बे कदर और दिन जुम्मॆ का था )
अगर ये पोस्ट अच्छा लगे तो सॆयर भी कर दीजिये गा
दिया जिसने हिन्द को "ताज महल" वो शख्स मुस्लमान था
आज कहते हो गद्दार है मुस्लमान,
शुरू कि जिसने आजादी की लड़ाई वो शख्स "टीपू सुल्तान"एक मुस्लमान था
जहाँ लहराता है आपना तिरंगा बड़े शान सॆ किया जिसने तामीर "लाल किला " वो शख्स मुस्लमान था
सारे जहा सॆ अच्चछा हिन्दुस्तान हमरा...लिखा जिसने तराना वो शख्स मुस्लमान था
जब मिली हिन्द को आजादी वो महीना रमजान था 15 अगस्त 1947 (27 वा रमजान रात शब्बे कदर और दिन जुम्मॆ का था )
अगर ये पोस्ट अच्छा लगे तो सॆयर भी कर दीजिये गा
No comments:
Post a Comment